पुराना बिज़नस मॉडल क्या है : एक उत्पादक होता है और दूसरा उपभोगता होता है। बीच में होते है मिडिल मेन। जैसे, ... विज्ञापन, ट्रांसपोर्ट, C & F एजेंट, स्टॉकिस्ट, होलसेलर, डीलर, रिटेलर। 40% लागत में जो उत्पादक प्रोडक्ट का निर्माण करता है, उसे कस्टमर 100% भुगतान करके लेता है। 60% पैसा बीच के लोगो में बट जाता है। कुछ खास लोग ही ज्यादातर 60% में हिस्सेदारी कर पाते है। इस मॉडल में उत्पादक पैसा बनाता है, मिडिल मेन पैसा बनाते है, और इस पुराने बिज़नस मॉडल को पूरा पूरा कस्टमर चलाता है पर उसे कुछ नही मिलता। कितना बड़ा सिसटम का दोष है। कस्टमर अपने पैसे से दूसरों की जिंदगी में बदलाव ला रहा है, दुसरो को अमीर बना रहा है, लम्बी लम्बी कार में वे घूम रहा है, उनके बच्चे अच्छे स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहे है। पर कस्टमर केवल समझौता करना जानता है। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी, में इस पर काफी शोध हुआ, की जो अमीर है, वही अमीर बनते रहेगें। और सामान्य लोगो को अपनी जिंदगी बदलने का कोई अवसर नही मिलेगा। बस यही से शुरू हुआ फ्री एंटरप्राइज का जन्म, मुक्त व्यापार का जन्म। या एमवे का जन्म। इस कमी को नए बिज़नस मॉडल
Computer Coaching, Android, Academic Coaching, Education, Computer Trics, Android Tips, Business tips etc.