*धीरे-धीरे आपको सफेद बाल, बीपी, फैटी लिवर, एनीमिया, गंजेपन जैसे 20 रोगों का मरीज बना देगी #प्रोटीन कमी*
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*प्रोटीन* तत्व की कमी से आपको वजन कम होना, मांसपेशियों का कमजोर होना, एडिमा यानी शरीर में सूजन होना, ब्लड प्रेशर कम होना, लिवर डिजीज, खून की कमी, इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना, किसी भी चोट का बहुत धीरे-धीर सही होना, त्वचा, बाल और नाखून की समस्याएं होना, ब्रेन फोग होना और हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है।
प्रोटीन शरीर के बेहतर कामकाज के लिए बहुत जरूरी है। प्रोटीन से शरीर की मांसपेशियों का गठन होता है और आपको पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य और सेहत के लिए भोजन करना ही काफी नहीं, बल्कि उसमें पोषण होना भी बेहद जरूरी है। अच्छी सेहत के लिए जिस तरह पर्याप्त मात्रा में विटमिंस और मिनरल्स जरूरी हैं, उसी तरह से प्रोटीन भी बहुत जरूरी है.
सवाल यह है कि रोजाना कितने प्रोटीन की जरूरत होती है?
प्रोटीन की आवश्यकता आपके भार और आपके कैलोरी इनटेक पर निर्भर करती है, जो कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। यानि यदि आप हर दिन 2,000 कैलोरी लेते हैं, तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से मिलना चाहिए।
प्रोटीन की कमी से आपको वजन कम होना, मांसपेशियों का कमजोर होना, एडिमा यानी शरीर में सूजन होना, ब्लड प्रेशर कम होना, लिवर डिजीज, खून की कमी, इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना, किसी भी चोट का बहुत धीरे-धीर सही होना, त्वचा, बाल और नाखून की समस्याएं होना, ब्रेन फोग होना और हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है।
*1) त्वचा, बाल और नाखून की समस्याएं*
प्रोटीन की कमी से त्वचा, बाल और नाखून प्रभावित हो सकते हैं। ये सभी काफी हद तक प्रोटीन से बने होते हैं। जब आप पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करते हैं, तो इससे आपकी त्वचा पर लाल रंग के निशान आ सकते हैं। आपके नाखून भंगुर हो सकते हैं और आपके बाल पतले और उनका रंग फीका पड़ सकता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
*2) मांसपेशियों का कमजोर होना*
आपकी मांसपेशियां ज्यादातर प्रोटीन से बनी होती हैं और यदि आपका शरीर प्रोटीन की कमी वाला है, तो आप मांसपेशियों को खोने लगते हैं। वास्तव में, मांसपेशियों की हानि अपर्याप्त प्रोटीन के सेवन के पहले लक्षणों में से एक है।
*3) हड्डी के फ्रैक्चर का खतरा*
प्रोटीन की कमी से आपकी हड्डियों को भी खतरा होता है। प्रोटीन हड्डियों की ताकत और घनत्व को बनाए रखने में मदद करता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन नहीं करने से आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।
*4) वजन कम होना*
जब आपको पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता है, तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त कैलोरी नहीं खा रहे हैं। इसका मतलब है कि आप खराब डाइट ले रहे हैं। यदि आप बहुत कम कैलोरी खाते हैं, तो आपका शरीर मांसपेशियों के निर्माण के बजाय ऊर्जा के लिए खाने वाले प्रोटीन का उपयोग करने लगता है जिससे आपका वजन कम होने लगता है।
*5) इन्फेक्शन का खतरा*
अगर आप बार-बार बीमारी होते हैं, तो ऐसा प्रोटीन का कमी की वजह से हो सकता है। प्रोटीन की कमी से आपका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने लगता है जिससे आपका शरीर रोगों से लड़ने में नाकाम रहता है। यही वजह है कि आप बहुत जल्दी इन्फेक्शन का शिकार हो जाते हैं।
*6) फैटी लिवर*
जब लिवर में गैर जरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो फैटी लिवर की समस्या सामने आती है। इससे आपका लिवर डैमेज हो सकता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्रोटीन की कामी के कारण आपको यह समस्या हो सकती है। हालांकि इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह शराब का अधिक सेवन है।
*7) बच्चों के विकास में बाधा*
प्रोटीन न केवल हड्डियों के द्रव्यमान और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है, बल्कि शरीर के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है। शरीर के उचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन देना बहुत जरूरी है।
*8) एडिमा*
जब आप पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करते हैं, तो आपको एडिमा का खतरा हो सकता है। इसका मतलब यह है कि आपके शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे आपका शरीर सूजने लगता है। प्रोटीन शरीर में तरल पदार्थ को कंट्रोल करता है, खासकर पैर और टखनों में।
*9) बीपी कम होना*
शरीर में प्रोटीन की कमी होने से खून की कमी होने लगती है। शरीर के उत्तकों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलने या शरीर में फैट कम होने पर आप ब्रैडीकार्डिया का शिकार होने लगते हैं। इसका मतलब यह है कि आपकी हार्ट रेट कम हो सकती है या कम होकर 60 से 100 बीट्स प्रति मिनट तक जा सकती है।
प्रोटीन के लिए खायें ये चीजें
प्रोटीन विभिन्न खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है जिसमें सभी तरह की दालें, सीफूड्स, सोया, बीन्स, दूध, पनीर, दही, बादाम, जई, पनीर, ब्रोकोली, ट्यूना, क्विनोआ, मसूर, कद्दू के बीज, फ्लैक्ससीड्स, सूरजमुखी के बीज, शामिल हो सकते हैं।
*इस बात का रखें ध्यान*
अगर आपको ऊपर बताए लक्षणों में कोई भी महसूस होते हैं, तो पहले आपको अपनी डाइट में बदलाव करने चाहिए। अगर इसके बाद भी आपको फर्क महसूस नहीं हो रहा, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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