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लाभ और हानि के बारे में जानें सब कुछ
लाभ और हानि
लाभ और हानि का निर्धारण लागत मूल्य और विक्रय मूल्य द्वारा किया जाता है. लागत मूल्य वह मूल्य है जिस पर किसी वस्तु को ख़रीदा जाता है और विक्रय मूल्य वह मूल्य है जिस पर वस्तु को बेचा जाता है.
लाभ = विक्रय मूल्य - लागत मूल्य
हानि = लागत मूल्य - विक्रय मूल्य
प्रतिशत लाभ और हानि हमेशा लागत मूल्य पर ही निकाला जाता है.
अंकित मूल्य को सूची मूल्य के नाम से भी जाना जाता है. यह वस्तु पर अंकित मूल्य होता है.
जहाँ,
CP = लागत मूल्य और MP = अंकित मूल्य
छूट या रियायत
दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अनेक रास्ते अपनाते हैं. अनेक बार वे किसी वस्तु को उसके सूची मूल्य (LP)/अंकित मूल्य (MP) से कम पर बेचते हैं. खुदरा विक्रेताओं द्वारा ऐसे ऑफर देना ही छूट या रियायत या डिस्काउंट कहलाता है. हम कह सकते हैं कि,
छूट = MP - SP
हल :
टेबल का अंकित मूल्य = 1350 रु.
टेबल का विक्रय मूल्य = 1188 रु.
दी दाई छूट = (1350 - 1188)रु. = 162 रु.
छूट दर =162/1350×100=12
अत: छूट की दर 12% है
क्रमागत छूट
कभी कभी दुकानदार द्वारा एक ही वस्तु पर एक से अधिक प्रकार की छूट भी दी जाती है. जब एक वस्तु की सूची मूल्य पर दो या दो से अधिक छूट लागु की जाती है,तो वह छूट की एक श्रृंखला बनाता है .
मान लीजिये एक दुकानदार 10%,20%और 30% की 3 क्रमागत छूट दे रहा है. तो प्रभावी छूट ज्ञात करने के लिए हम मान लेते है की अंकित मूल्य 100 है. तो अंतिम मूल्य होगी
0.90 × 0.80 × 0.70 × 100 = 0.54 × 100 = 50.4
कूल छूट = 49.6%.
उदाहरण 2:
यदि दो वस्तुएं समान विक्रय मूल्य पर बेचीं जाती हैं जहाँ एक 30% लाभ पर और दूसरी 30% हानि पर बेचीं जाती है तो उसके कुल लाभ या हानि का प्रतिशत क्या है ?
गलत वजन की समस्याएं (FALSE WEIGHT PROBLEMS)
दर्शाया गया.दिया गया वजन हमेशा विक्रय मूल्य के समान होगा, और वास्तविक/सही वजन लागत मूल्य के समान होगा.
एक दुकानदार खरीददारी के समय 20% अधिक मात्रा में दूध लेता है, जबकि दूध बेचते समय बताये गए वजन से 25% कम मात्रा में दूध बेचता है. केवल लागत मूल्य पर उसने जो बेचा, उसका लाभ प्रतिशत ज्ञात कीजिए.
हल:
मान लीजिये कि 1 रु प्रति मिली की कीमत पर दुकानदार 120 मिली दूध लेता है, और केवल 100 रु का भुगतान करता है.
बेचते समय वह केवल 75 मिली बेचता है और 100 मिली बताता है.
120 मिली का कुल बिक्री मूल्य
100/75×120 = 160, अतः लाभ प्रतिशत = 60%
लाभ और हानि का निर्धारण लागत मूल्य और विक्रय मूल्य द्वारा किया जाता है. लागत मूल्य वह मूल्य है जिस पर किसी वस्तु को ख़रीदा जाता है और विक्रय मूल्य वह मूल्य है जिस पर वस्तु को बेचा जाता है.
लाभ = विक्रय मूल्य - लागत मूल्य
हानि = लागत मूल्य - विक्रय मूल्य
☞ यदि m वस्तु का लागत मूल्य n वस्तु के विक्रय मूल्य के बराबर है, तो लाभ प्रतिशत होगा-
अंकित मूल्य अंकित मूल्य को सूची मूल्य के नाम से भी जाना जाता है. यह वस्तु पर अंकित मूल्य होता है.
जहाँ,
CP = लागत मूल्य और MP = अंकित मूल्य
छूट या रियायत
दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अनेक रास्ते अपनाते हैं. अनेक बार वे किसी वस्तु को उसके सूची मूल्य (LP)/अंकित मूल्य (MP) से कम पर बेचते हैं. खुदरा विक्रेताओं द्वारा ऐसे ऑफर देना ही छूट या रियायत या डिस्काउंट कहलाता है. हम कह सकते हैं कि,
छूट = MP - SP
उदाहरण 1: एक डाइनिंग टेबल Rs एक डाइनिंग टेबल का अंकित मूल्य 1350रु. है . यदि कुछ डिस्काउंट /छूट लगा कर उसे 1188 रु. में बेचा जाता है . छूट की दर ज्ञात कीजिये
हल :
टेबल का अंकित मूल्य = 1350 रु.
टेबल का विक्रय मूल्य = 1188 रु.
दी दाई छूट = (1350 - 1188)रु. = 162 रु.
छूट दर =162/1350×100=12
अत: छूट की दर 12% है
क्रमागत छूट
कभी कभी दुकानदार द्वारा एक ही वस्तु पर एक से अधिक प्रकार की छूट भी दी जाती है. जब एक वस्तु की सूची मूल्य पर दो या दो से अधिक छूट लागु की जाती है,तो वह छूट की एक श्रृंखला बनाता है .
मान लीजिये एक दुकानदार 10%,20%और 30% की 3 क्रमागत छूट दे रहा है. तो प्रभावी छूट ज्ञात करने के लिए हम मान लेते है की अंकित मूल्य 100 है. तो अंतिम मूल्य होगी
0.90 × 0.80 × 0.70 × 100 = 0.54 × 100 = 50.4
कूल छूट = 49.6%.
☞ यहाँ पर x % और y % के दो क्रमागत लाभ हैं तो परिणामी लाभ प्रतिशत दिया गया है
☞यदि यहाँ पर एक सौदे में x% का लाभ और y % की हानि होती हैं, तो परिणामी लाभ या हानि प्रतिशत दिया जाएगा
नोट- उपरोक्त सूत्र में लाभ के लिए + चिन्ह का प्रयोग किया गया है और हानि के लिए – चिन्ह का प्रयोग किया गया है. यदि परिणाम + आता है तो यह कुल लाभ है, यदि परिणामी आता है – तो यह कुल हानि है.
यदि दो वस्तुएं समान विक्रय मूल्य पर बेचीं जाती हैं जहाँ एक 30% लाभ पर और दूसरी 30% हानि पर बेचीं जाती है तो उसके कुल लाभ या हानि का प्रतिशत क्या है ?
गलत वजन की समस्याएं (FALSE WEIGHT PROBLEMS)
दर्शाया गया.दिया गया वजन हमेशा विक्रय मूल्य के समान होगा, और वास्तविक/सही वजन लागत मूल्य के समान होगा.
☞यदि एक व्यापारी अपने माल लागत मूल्य पर बेचने का दावा करता है, लेकिन गलत वजन का प्रयोग करता है, तो
उदाहरण 3:एक दुकानदार खरीददारी के समय 20% अधिक मात्रा में दूध लेता है, जबकि दूध बेचते समय बताये गए वजन से 25% कम मात्रा में दूध बेचता है. केवल लागत मूल्य पर उसने जो बेचा, उसका लाभ प्रतिशत ज्ञात कीजिए.
हल:
मान लीजिये कि 1 रु प्रति मिली की कीमत पर दुकानदार 120 मिली दूध लेता है, और केवल 100 रु का भुगतान करता है.
बेचते समय वह केवल 75 मिली बेचता है और 100 मिली बताता है.
120 मिली का कुल बिक्री मूल्य
100/75×120 = 160, अतः लाभ प्रतिशत = 60%
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